Friday, 3 May 2013

HINDI SAHIRI

जिसे कोयल समझा वो कौवा निकला
दोस्ती के नाम पे हौवा निकला
मुझे रोखा करता था पिने को
आज उशी की जेब से पौवा निकला 
दीनबन्धु रेग्मि 

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